संश्रुत भिन्नार्थक शब्द

संश्रुत भिन्नार्थक शब्द

ऐसे शब्द जो पढ़ने और सुनने में लगभग एक-से लगते हैं, परंतु अर्थ की दृष्टि से भिन्न्न होते हैं, श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं।

अथवा

कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनमें स्वर, मात्रा अथवा व्यंजन में थोड़ा-सा अन्तर होता है। वे बोलचाल में लगभग एक जैसे लगते हैं, परन्तु उनके अर्थ में भिन्नता होती है। ऐसे शब्द ‘श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द’ कहलाते हैं।

जैसे- घन और धन दोनों के उच्चारण में कोई खास अन्तर महसूस नहीं होता परन्तु अर्थ में भिन्नता है।
घन= बादल
धन= सम्पत्ति

संश्रुत भिन्नार्थक शब्द : उदहारण

अनल  आग
अनिल  वायु
अन्य  दूसरा
 अन्न  अनाज
 अंश  भाग
 अंस  कन्धा
अपकार  बुरा कार्य
उपकार  भला कार्य
अवधि  काल /समय
अवधी  अवध की भाषा
कुल  योग ,बंश
कूल  किनारा
कोष  खज़ाना
कोश  शब्द भंडार
ग्रह  मंगल , शुक्र
गृह  घर
उपयुक्त  उचित
उपर्युक्त  ऊपर लिखा गया
सूर  अँधा
शूर  वीर
किला  दुर्ग
कीला  खूँटा
करण  करण कारक
कर्ण  कान
चरम  अंतिम
चर्म  खाल
निधन  मृत्यु
निर्धन  गरीब
लक्ष  लाख
लक्ष्य  उद्देश्य
अलि  भँवरा
अली  सखी ,मित्र
अंक  गोद
अंग  शरीर का हिस्सा
अंतर  ह्रदय
अंदर  भीतर
अवधि  समय सीमा
 अवधि  हिंदी की बोली
आदि  आरम्भ
आदी  आदत होना
ओर  तरफ
और  तथा
 कुल  वंश
कूल  किनारा
पानी  जल
पाणि  हाथ
शर  बाण
सर  तालाब
कंगाल  गरीब
कंकाल  ठठरी
अवधि  समय
अवधि  अवध की भाषा
नीरद  बादल
नीरज  कमल
प्रमाण  सबूत
प्रणाम  नमस्कार
कोश  शब्द-भंडार
कोष  खजाना
अचार  आम, निम्बू का अचार
आचार  आचरण
 अनु  पीछे
अणु  कण
अपेक्षा  उम्मीद, तुलना
उपेक्षा  अनादर
अभय  निडर
उभय  दोनों
कपट  धोखा
कपाट  दरवाजा
 दिन  दिवस
दीन  गरीब
दिशा  तरफ
दशा  हालत
देव  देवता
दैव  भाग्य
द्वार  दरवाजा
द्वारा  के माध्यम से
धन  दौलत
धान  चावल
नादान  बेसमझ
निदान  इलाज
पका  पका हुआ
पक्का  मजबूत
शोक  दुःख
शौक  चाव
श्याम  काला
शाम  संध्या
अन्न  अनाज
अन्य  दूसरा
कलि  कलयुग
कली  अधखिला फूल
अंश  भाग
अंस  कंधा
अपकार  बुरा कार्य
उपकार  भला कार्य
ग्रह  मंगल ,शुक्र
गृह  घर
उपयुक्त  उचित
उपर्युक्त  ऊपर लिखा गया
सूर  अँधा
शूर  वीर
किला  दुर्ग
कीला  खूंटा
करण  करण कारक
कर्ण  कान
चरम  अंतिम
चर्म  खाल
निधन  मृत्यु
निर्धन  गरीब
लक्ष  लाख
लक्ष्य  उद्देश्य
अलि  भँवरा
अली  सखी,मित्र
अंक  गोद
अंग  शरीर का हिस्सा
अंस  कंधा
अंश  हिस्सा
अँगना  घर का आँगन
अंगना  स्त्री
अन्न  अनाज
अन्य  दूसरा
अनिल  हवा
अनल  आग
अम्बु  जल
अम्ब  माता, आम
अथक  बिना थके हुए
अकथ  जो कहा न जाय
अध्ययन  पढ़ना
अध्यापन  पढ़ाना
अधम  नीच
अधर्म  पाप
अली  सखी
अलि  भौंरा
अन्त  समाप्ति
अन्त्य  नीच, अन्तिम
अम्बुज  कमल
अम्बुधि  सागर
असन  भोजन
आसन  बैठने की वस्तु
अणु  कण
अनु  एक उपसर्ग, पीछे
अभिराम  सुन्दर
अविराम  लगातार, निरन्तर
अवलम्ब  सहारा
अविलम्ब  शीघ्र
अतुल  जिसकी तुलना न हो सके
अतल  तलहीन
अचर  न चलनेवाला
अनुचर  दास, नौकर
अशक्त  असमर्थ, शक्तिहीन
असक्त  विरक्त
अगम  दुर्लभ, अगम्य
आगम  प्राप्ति, शास्त्र
अभय  निर्भय
उभय  दोनों
अब्ज  कमल
अब्द  बादल, वर्ष
अरि  शत्रु
अरी  सम्बोधन स्त्री के लिए
अभिज्ञ  जाननेवाला
अनभिज्ञ  अनजान
अक्ष  धुरी
यक्ष  एक देवयोनि
अवधि  काल, समय अवधी
अवध  देश की भाषा
अभिहित  कहा हुआ
अविहित  अनुचित
अयश  अपकीर्त्ति
अयस  लोहा
असित  काला
अशित  भोथा
आकर  खान
आकार  रूप
आस्तिक  ईश्वरवादी
आस्तीक  एक मुनि
आर्ति  दुःख
आर्त्त  चीख
अन्यान्य  दूसरा-दूसरा
अन्योन्य  परस्पर
अभ्याश  पास
अभ्यास  रियाज/आदत
आवास  रहने का स्थान
आभास  झलक, संकेत
आकर  खान
आकार  रूप, सूरत
आदि  आरम्भ, इत्यादि
आदी  अभ्यस्त, अदरक
आरति  विरक्ति, दुःख
आरती  धूप-दीप दिखाना
आभरण  गहना
आमरण  मरण तक
आयत  समकोण चतुर्भुज
आयात  बाहर से आना
आर्त  दुःखी
आर्द्र  गीला
इत्र  सुगंध
इतर  दूसरा
इति  समाप्ति
ईति  फसल की बाधा
इन्दु  चन्द्रमा
इन्दुर  चूहा
इड़ा पृथ्वी/नाड़ी  
ईड़ा  स्तुति
उपकार  भलाई
अपकार  बुराई
उद्धत  उद्दण्ड
उद्दत  तैयार
उपरक्त  भोग विलास में लीन
उपरत  विरक्त
उपाधि  पद/ख़िताब
उपाधी  उपद्रव
उपयुक्त  ठीक
उपर्युक्त  ऊपर कहा हुआ
ऋत  सत्य
ऋतु  मौसम
एतवार  रविवार
ऐतवार  विश्वास
कुल  वंश, सब
कूल  किनारा
कंगाल  भिखारी
कंकाल  ठठरी
कर्म  काम
क्रम  सिलसिला
कृपण  कंजूस
कृपाण  कटार
कर  हाथ
कारा  जेल
कपि  बंदर
कपी  घिरनी
किला  गढ़
कीला  खूँटा, गड़ा हुआ
कृति  रचना
कृती  निपुण, पुण्यात्मा
कृत्ति  मृगचर्म
कीर्ति  यश
कृत  किया हुआ
क्रीत  खरीदा हुआ
क्रान्ति  उलटफेर
क्लान्ति  थकावट
कान्ति  चमक, चाँदनी
कली  अधखिला फूल
कलि  कलियुग
करण  एक कारक, इन्द्रियाँ
कर्ण  कान, एक नाम
कुण्डल  कान का एक आभूषण
कुन्तल  सिर के बाल
कपीश  हनुमान, सुग्रीव
कपिश  मटमैला
कूट  पहाड़ की चोटी, दफ्ती
कुट  किला, घर
करकट  कूड़ा
कर्कट  केंकड़ा
कटिबद्ध  तैयार, कमर बाँधे
कटिबन्ध  कमरबन्द, करधनी
कृशानु  आग
कृषाण  किसान
कटीली  तीक्ष्ण, धारदार
कँटीली  काँटेदार
कोष  खजाना
कोश  शब्द-संग्रह डिक्शनरी
कदन  हिंसा
कदन्न  खराब अन्न
कुच  स्तन
कूच  प्रस्थान
काश  शायद/एक घास
कास  खाँसी
कलिल  मिश्रित
क़लील  थोड़ा
कीश  बन्दर
कीस  गर्भ का थैला
कुटी  झोपड़ी
कूटी  दुती, जालसाज
कोर  किनारा
कौर  ग्रास
खड़ा  बैठा का विलोम
खरा  शुद्ध
खादि  खाद्य, कवच
खादी  ख़द्दर, कटीला
कांत  पति/चन्द्रमा
कांति  चमक
करीश  गजराज
करीष  सूखा गोबर
कृत्तिका  एक नक्षत्र
कृत्यका  भयंकर कार्य करनेवाली देवी
कुजन  बुरा आदमी
कूजन  कलरव
कुनबा  परिवार
कुनवा  खरीदनेवाला
कोड़ा  चाबुक
कोरा  नया
केशर  कुंकुम
केसर  सिंह की गर्दन के बाल
खोआ  दूध का बना ठोस पदार्थ
खोया  भूल गया, खो गया
खल  दुष्ट
खलु  ही तो, निश्चय ही
गण  समूह
गण्य  गिनने योग्य
गुड़  शक्कर
गुड़  गम्भीर
ग्रह  सूर्य, चन्द्र आदि
गृह  घर
गिरी  गिरना
गिरि  पर्वत
गज  हाथी
गज  मापक
गिरीश  हिमालय
गिरिश  शिव
ग्रंथ  पुस्तक
ग्रंथि  गाँठ
चिर  पुराना
चीर  कपड़ा
चिता  लाश जलाने के लिए लकड़ियों का ढेर
चीता  बाघ की एक जाति
चूर  कण,
चूर्ण  चूड़ चोटी, सिर
चतुष्पद  चौपाया, जानवर
चतुष्पथ  चौराहा
चार  चार संख्या, जासूस
चारु  सुन्दर
चर  नौकर, दूत, जासूस
चूत  आम का पेड़
च्युत  गिरा हुआ, पतित
चक्रवात  बवण्डर
चक्रवाक  चकवा पक्षी
चाष  नीलकंठ
चास  खेत की जुताई
चरि  पशु
चरी  चरागाह
चसक  चस्का/लत
चषक  प्याला
चुकना  समाप्त होना
चूकना  समय पर न करना
जिला  मंडल
जीला  चमक
जवान  युवा
जव  वेग/जौ
छत्र  छाता
छात्र  विद्यार्थी क्षात्र
क्षत्र   क्षत्रिय
क्षत्रिय  संबंधी
छिपना  अप्रकट होना
छीपना  मछली फँसाकर निकालना
जलज  कमल
जलद  बादल
जघन्य  गर्हित, शूद्र
जघन  नितम्ब
जगत  कुएँ का चौतरा
जगत्  संसार
जानु  घुटना
जानू  जाँघ
जूति  वेग
जूती  छोटा जूता
जाया  व्यर्थ
जाया  पत्नी
जोश  आवेश
जोष  आराम
झल  जलन/आँच
झल्ल  सनक
टुक  थोड़ा
टूक  टुकड़ा
टोटा  घाटा
टोंटा  बन्दूक का कारतूस
डीठ  दृष्टि
ढीठ  निडर
डोर  सूत
ढोर  मवेशी
तड़ाक  जल्दी
तड़ाग  तालाब
तरणि  सूर्य
तरणी  नाव
तरुणी  युवती
तक्र  मटठा
तर्क  बहस
तरी  गीलापन
तरि  नाव
तरंग  लहर
तुरंग  घोड़ा
तनी  थोड़ा
तनि  बंधन

वाक्यांश के लिये सार्थक शब्द

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