वाक्यांश Vakyansh के लिये सार्थक शब्द ( Best )
वाक्यांश ( Vakyansh ) के लिये सार्थक शब्द
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वाक्यांश ( Vakyansh ) के लिये सार्थक शब्द परिभाषा
भाषा मेँ यह सुविधा भी होनी चाहिए कि वक्ता या लेखक कम से कम शब्दोँ मेँ अर्थात् संक्षेप मेँ बोलकर या लिखकर विचार अभिव्यक्त कर सके। कम से कम शब्दोँ मेँ अधिकाधिक अर्थ को प्रकट करने के लिए ‘वाक्यांश ( Vakyansh ) या शब्द–समूह के लिए एक शब्द’ का विस्तृत ज्ञान होना आवश्यक है। ऐसे शब्दोँ के प्रयोग से वाक्य–रचना मेँ संक्षिप्तता, सुन्दरता तथा गंभीरता आ जाती है।
वाक्यांश ( Vakyansh ) के लिये सार्थक शब्द :- उदहारण
हाथी हाँकने का छोटा भाला— अंकुश
जो कहा न जा सके— अकथनीय
जिसे क्षमा न किया जा सके— अक्षम्य
जिस स्थान पर कोई न जा सके— अगम्य
जो कभी बूढ़ा न हो— अजर
जिसका कोई शत्रु न हो— अजातशत्रु
जो जीता न जा सके— अजेय
जो दिखाई न पड़े— अदृश्य
जिसके समान कोई न हो— अद्वितीय
हृदय की बातेँ जानने वाला— अन्तर्यामी
पृथ्वी, ग्रहोँ और तारोँ आदि का स्थान— अन्तरिक्ष
दोपहर बाद का समय— अपराह्न
जो सामान्य नियम के विरुद्ध हो— अपवाद
जिस पर मुकदमा चल रहा हो/अपराध करने का आरोप हो/अभियोग लगाया गया हो— अभियुक्त
जो पहले कभी नहीँ हुआ— अभूतपूर्व
फेँक कर चलाया जाने वाला हथियार— अस्त्र
जिसकी गिनती न हो सके— अगणित/अगणनीय
जो पहले पढ़ा हुआ न हो— अपठित
जिसके आने की तिथि निश्चित न हो— अतिथि
कमर के नीचे पहने जाने वाला वस्त्र— अधोवस्त्र
जिसके बारे मेँ कोई निश्चय न हो— अनिश्चित
जिसका भाषा द्वारा वर्णन असंभव हो— अनिर्वचनीय
अत्यधिक बढ़ा–चढ़ा कर कही गई बात— अतिशयोक्ति
सबसे आगे रहने वाला— अग्रणी
जो पहले जन्मा हो— अग्रज
जो बाद मेँ जन्मा हो— अनुज
जो इंद्रियोँ द्वारा न जाना जा सके— अगोचर
जिसका पता न हो— अज्ञात
आगे आने वाला— आगामी
अण्डे से जन्म लेने वाला— अण्डज
जो छूने योग्य न हो— अछूत
जो छुआ न गया हो— अछूता
जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके— अच्युत
जो अपनी बात से टले नहीँ— अटल
जिस पुस्तक मेँ आठ अध्याय होँ— अष्टाध्यायी
आवश्यकता से अधिक बरसात— अतिवृष्टि
बरसात बिल्कुल न होना— अनावृष्टि
बहुत कम बरसात होना— अल्पवृष्टि
इंद्रियोँ की पहुँच से बाहर— अतीन्द्रिय/इंद्रयातीत
सीमा का अनुचित उल्लंघन— अतिक्रमण
जो बीत गया हो— अतीत
जिसकी गहराई का पता न लग सके— अथाह
आगे का विचार न कर सकने वाला— अदूरदर्शी
जो आज तक से सम्बन्ध रखता है— अद्यतन
आदेश जो निश्चित अवधि तक लागू हो— अध्यादेश
जिस पर किसी ने अधिकार कर लिया हो— अधिकृत
वह सूचना जो सरकार की ओर से जारी हो— अधिसूचना
विधायिका द्वारा स्वीकृत नियम— अधिनियम
अविवाहित महिला— अनूढ़ा
वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो— अध्यूढ़ा
दूसरे की विवाहित स्त्री— अन्योढ़ा
गुरु के पास रहकर पढ़ने वाला— अन्तेवासी
पहाड़ के ऊपर की समतल जमीन— अधित्यका
जिसके हस्ताक्षर नीचे अंकित हैँ— अधोहस्ताक्षरकर्त्ता
एक भाषा के विचारोँ को दूसरी भाषा मेँ व्यक्त करना— अनुवाद
किसी सम्प्रदाय का समर्थन करने वाला— अनुयायी
किसी प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया— अनुमोदन
जिसके माता–पिता न होँ— अनाथ
जिसका जन्म निम्न वर्ण मेँ हुआ हो— अंत्यज
परम्परा से चली आई कथा— अनुश्रुति
जिसका कोई दूसरा उपाय न हो— अनन्योपाय
वह भाई जो अन्य माता से उत्पन्न हुआ हो— अन्योदर
पलक को बिना झपकाए— अनिमेष/निर्निमेष
जो बुलाया न गया हो— अनाहूत
जो ढका हुआ न हो— अनावृत
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जो दोहराया न गया हो— अनावर्त
पहले लिखे गए पत्र का स्मरण— अनुस्मारक
पीछे–पीछे चलने वाला/अनुसरण करने वाला— अनुगामी
महल का वह भाग जहाँ रानियाँ निवास करती हैँ— अंतःपुर/रनिवास
जिसे किसी बात का पता न हो— अनभिज्ञ/अज्ञ
जिसका आदर न किया गया हो— अनादृत
जिसका मन कहीँ अन्यत्र लगा हो— अन्यमनस्क
जो धन को व्यर्थ ही खर्च करता हो— अपव्ययी
आवश्यकता से अधिक धन का संचय न करना— अपरिग्रह
जो किसी पर अभियोग लगाए— अभियोगी
जो भोजन रोगी के लिए निषिद्ध है— अपथ्य
जिस वस्त्र को पहना न गया हो— अप्रहत
न जोता गया खेत— अप्रहत
जो बिन माँगे मिल जाए— अयाचित
जो कम बोलता हो— अल्पभाषी/मितभाषी
आदेश की अवहेलना— अवज्ञा
जो बिना वेतन के कार्य करता हो— अवैतनिक
जो व्यक्ति विदेश मेँ रहता हो— अप्रवासी
जो सहनशील न हो— असहिष्णु
जिसका कभी अन्त न हो— अनन्त
जिसका दमन न किया जा सके— अदम्य
जिसका स्पर्श करना वर्जित हो— अस्पृश्य
जिसका विश्वास न किया जा सके— अविश्वस्त
जो कभी नष्ट न होने वाला हो— अनश्वर
जो रचना अन्य भाषा की अनुवाद हो— अनूदित
जिसके पास कुछ न हो अर्थात् दरिद्र— अकिँचन
जो कभी मरता न हो— अमर
जो सुना हुआ न हो— अश्रव्य
जिसको भेदा न जा सके— अभेद्य
जो साधा न जा सके— असाध्य
जो चीज इस संसार मेँ न हो— अलौकिक
जो बाह्य संसार के ज्ञान से अनभिज्ञ हो— अलोकज्ञ
जिसे लाँघा न जा सके— अलंघनीय
जिसकी तुलना न हो सके— अतुलनीय
जिसके आदि (प्रारम्भ) का पता न हो— अनादि
जिसकी सबसे पहले गणना की जाये— अग्रगण
सभी जातियोँ से सम्बन्ध रखने वाला— अन्तर्जातीय
जिसकी कोई उपमा न हो— अनुपम
जिसका वर्णन न हो सके— अवर्णनीय
जिसका खंडन न किया जा सके— अखंडनीय
जिसे जाना न जा सके— अज्ञेय
जो बहुत गहरा हो— अगाध
जिसका चिँतन न किया जा सके— अचिँत्य
जिसको काटा न जा सके— अकाट्य
जिसको त्यागा न जा सके— अत्याज्य
वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला मूल्य— अधिमूल्य
अन्य से संबंध न रखने वाला/किसी एक मेँ ही आस्था रखने वाला— अनन्य
जो बिना अन्तर के घटित हो— अनन्तर
जिसका कोई घर (निकेत) न हो— अनिकेत
कनिष्ठा (सबसे छोटी) और मध्यमा के बीच की उँगली— अनामिका
मूलकथा मेँ आने वाला प्रसंग, लघु कथा— अंतःकथा
जिसका निवारण न किया जा सके/जिसे करना आवश्यक हो— अनिवार्य
जिसका विरोध न हुआ हो या न हो सके— अनिरुद्ध/अविरोधी
जिसका किसी मेँ लगाव या प्रेम हो— अनुरक्त
जो अनुग्रह (कृपा) से युक्त हो— अनुगृहीत
जिस पर आक्रमण न किया गया हो— अनाक्रांत
जिसका उत्तर न दिया गया हो— अनुत्तरित
अनुकरण करने योग्य— अनुकरणीय
जो कभी न आया हो (भविष्य)— अनागत
जो श्रेष्ठ गुणोँ से युक्त न हो— अनार्य
जिसकी अपेक्षा हो— अपेक्षित
जो मापा न जा सके— अपरिमेय
नीचे की ओर लाना या खीँचना— अपकर्ष
जो सामने न हो— अप्रत्यक्ष/परोक्ष
जिसकी आशा न की गई हो— अप्रत्याशित
जो प्रमाण से सिद्ध न हो सके— अप्रमेय
किसी काम के बार–बार करने के अनुभव वाला— अभ्यस्त
किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा— अभीप्सा
जो साहित्य कला आदि मेँ रस न ले— अरसिक
जिसको प्राप्त न किया जा सके
जो कम जानता हो— अल्पज्ञ
जो वध करने योग्य न हो— अवध्य
जो विधि या कानून के विरुद्ध हो— अवैध
जो भला–बुरा न समझता हो अथवा सोच–समझकर काम न करता हो— अविवेकी
जिसका विभाजन न किया जा सके— अविभाज्य/अभाज्य
जिसका विभाजन न किया गया हो— अविभक्त
जिस पर विचार न किया गया हो— अविचारित
जो कार्य अवश्य होने वाला हो— अवश्यंभावी
जिसको व्यवहार मेँ न लाया गया हो— अव्यवहृत
जो स्त्री सूर्य भी नहीँ देख पाती— असूर्यपश्या
न हो सकने वाला कार्य आदि— अशक्य
जो शोक करने योग्य नहीँ हो— अशोक्य
जो कहने, सुनने, देखने मेँ लज्जापूर्ण, घिनौना हो— अश्लील
जिस रोग का इलाज न किया जा सके— असाध्य रोग/लाइलाज
जिससे पार न पाई जा सके— अपार
बूढ़ा–सा दिखने वाला व्यक्ति— अधेड़
जिसका कोई मूल्य न हो— अमूल्य
जो मृत्यु के समीप हो— आसन्नमृत्यु
किसी बात पर बार–बार जोर देना— आग्रह
वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो— आगतपतिका
जिसकी भुजाएँ घुटनोँ तक लम्बी होँ— आजानुबाहु
मृत्युपर्यन्त— आमरण
जो अपने ऊपर निर्भर हो— आत्मनिर्भर/स्वावलंबी
व्यर्थ का प्रदर्शन— आडम्बर
पूरे जीवन तक— आजीवन
अपनी हत्या स्वयं करना— आत्महत्या
अपनी प्रशंसा स्वयं करने वाला— आत्मश्लाघी
कोई ऐसी वस्तु बनाना जिसको पहले कोई न जानता हो— आविष्कार
ईश्वर मेँ विश्वास रखने वाला— आस्तिक
शीघ्र प्रसन्न होने वाला— आशुतोष
विदेश से देश मेँ माल मँगाना— आयात
सिर से पाँव तक— आपादमस्तक
प्रारम्भ से लेकर अंत तक— आद्योपान्त
अपनी हत्या स्वयं करने वाला— आत्मघाती
जो अतिथि का सत्कार करता है— आतिथेय/मेजबान
दूसरे के हित मेँ अपना जीवन त्याग देना— आत्मोत्सर्ग
जो बहुत क्रूर व्यवहार करता हो— आततायी
जिसका सम्बन्ध आत्मा से हो— आध्यात्मिक
जिस पर हमला किया गया हो— आक्रांत
जिसने हमला किया हो— आक्रांता
जिसे सूँघा न जा सके— आघ्रेय
जिसकी कोई आशा न की गई हो— आशातीत
जो कभी निराश होना न जाने— आशावादी
किसी नई चीज की खोज करने वाला— आविष्कारक
जो गुण–दोष का विवेचन करता हो— आलोचक
जो जन्म लेते ही गिर या मर गया हो— आजन्मपात
वह कवि जो तत्काल कविता कर सके— आशुकवि
पवित्र आचरण वाला— आचारपूत
लेखक द्वारा स्वयं की लिखी गई जीवनी— आत्मकथा
वह चीज जिसकी चाह हो— इच्छित
किन्हीँ घटनाओँ का कालक्रम से किया गया वर्णन— इतिवृत्त
इस लोक से संबंधित— इहलौकिक
जो इन्द्र पर विजय प्राप्त कर चुका हो— इंद्रजीत
माँ–बाप का अकेला लड़का— इकलौता
जो इन्द्रियोँ से परे हो/जो इन्द्रियोँ के द्वारा ज्ञात न हो— इन्द्रियातीत
दूसरे की उन्नति से जलना— ईर्ष्या
उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा— ईशान/ईशान्य
पर्वत की निचली समतल भूमि— उपत्यका
दूसरे के खाने से बची वस्तु— उच्छिष्ट
किसी भी नियम का पालन नहीँ करने वाला— उच्छृंखल
वह पर्वत जहाँ से सूर्य और चन्द्रमा उदित होते माने जाते हैँ— उदयाचल
जिसके ऊपर किसी का उपकार हो— उपकृत
ऐसी जमीन जो अच्छी उत्पादक हो— उर्वरा
जो छाती के बल चलता हो (साँप आदि)— उरग
जिसने अपना ऋण पूरा चुका दिया हो— उऋण
जिसका मन जगत से उचट गया हो— उदासीन
जिसकी दोनोँ मेँ निष्ठा हो— उभयनिष्ठ
ऊपर की ओर जाने वाला— उर्ध्वगामी
नदी के निकलने का स्थान— उद्गम
किसी वस्तु के निर्माण मेँ सहायक साधन— उपकरण
जो उपासना के योग्य हो— उपास्य
मरने के बाद सम्पत्ति का मालिक— उत्तराधिकारी/वारिस
सूर्योदय की लालिमा— उषा
जिसका ऊपर कथन किया गया हो— उपर्युक्त
कुँए के पास का वह जल कुंड जिसमेँ पशु पानी पीते हैँ— उबारा
छोटी–बड़ी वस्तुओँ को उठा ले जाने वाला— उठाईगिरा
जिस भूमि मेँ कुछ भी पैदा न होता हो— ऊसर
सूर्यास्त के समय दिखने वाली लालिमा— ऊषा
विचारोँ का ऐसा प्रवाह जिससे कोई निष्कर्ष न निकले— ऊहापोह
कई जगह से मिलाकर इकट्ठा किया हुआ— एकीकृत
सांसारिक वस्तुओँ को प्राप्त करने की इच्छा— एषणा
वह स्थिति जो अंतिक निर्णायक हो, निश्चित— एकांतिक
जो व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर हो— ऐच्छिक
इंद्रियोँ को भ्रमित करने वाला— ऐँद्रजालिक
लकड़ी या पत्थर का बना पात्र जिसमेँ अन्न कूटा जाता है— ओखली
साँप–बिच्छू के जहर या भूत–प्रेत के भय को मंत्रोँ से झाड़ने वाला— ओझा
जो उपनिषदोँ से संबंधित हो— औपनिषदिक
जो मात्र शिष्टाचार, व्यावहारिकता के लिए हो— औपचारिक
विवाहिता पत्नी से उत्पन्न संतान— औरस
हड्डियोँ का ढाँचा— कंकाल
दो व्यक्तियोँ के बीच परस्पर होने वाली बातचीत— कथोपकथन
बर्तन बेचने वाला— कसेरा
जिसे अपने मत या विश्वास का अधिक आग्रह हो— कट्टर
जिसकी कल्पना न की जा सके— कल्पनातीत
ऐसा अन्न जो खाने योग्य न हो— कदन्न
हाथी का बच्चा— कलभ
कर्म मेँ तत्पर रहने वाला— कर्मठ
एक के बाद एक— क्रम
कान मेँ कही जाने वाली बात— कानाबाती/कानाफूसी
सरकार का वह अंग जो कानून का पालन करता है— कार्यपालिका
शृंगारिक वासनाओँ के प्रति आकर्षित— कामुक
जो दुःख या भय से पीड़ित हो— कातर
अपनी गलती स्वीकार करने वाला— कायल
दूसरे की हत्या करने वाला— कातिल
बाल्यावस्था और युवावस्था के बीच की अवस्था— किशोरावस्था
जो बात पूर्वकाल से लोगोँ मेँ सुनकर प्रचलित हो— किँवदन्ती/जनश्रुति
अपने काम के बारे मेँ कुछ निश्चय न करने वाला— किँकर्तव्यविमूढ़
वृक्ष लता आदि से ढका स्थान— कुञ्ज
जिस लड़के का विवाह न हुआ हो— कुमार
ऐसी लड़की जिसका विवाह न हुआ हो— कुमारी
बुरे कार्य करने वाला— कुकर्मी
बुरे मार्ग पर चलने वाला— कुमार्गी
जिसकी बुद्धि बहुत तेज हो— कुशाग्रबुद्धि
जो अच्छे कुल मेँ उत्पन्न हुआ हो— कुलीन
वह व्यक्ति जिसका ज्ञान अपने ही स्थान तक सीमित हो— कूपमंडूक
किए गए उपकार को मानने वाला— कृतज्ञ
किए गए उपकार को न मानने वाला— कृतघ्न
जो धन को अत्यधिक कंजूसी से खर्च करता हो— कृपण
जिसने संकल्प कर रखा है— कृतसंकल्प
जो केन्द्र से हटकर दूर जाता हो— केन्द्रापसारी
जो केन्द्र की ओर उन्मुख हो— केन्द्राभिसारी/केन्द्राभिमुख
सर्प के शरीर से निकली हुई खोली— केँचुली
जो क्षमा किया जा सके— क्षम्य
जिसका कुछ ही समय मेँ नाश हो जाए— क्षणभंगुर
जहाँ धरती और आकाश मिलते हुए दिखाई देते हैँ— क्षितिज
जो भूख मिटाने के लिए बेचैन हो— क्षुधातुर
भूख से पीड़ित— क्षुधार्त
वह स्त्री जिसका पति अन्य स्त्री के साथ रात को रहकर प्रातः लौटे— खंडिता
आकाशीय पिँडोँ का विवेचन करने वाला— खगोलशास्त्री
जो व्यक्ति अपने हाथ मेँ तलवार लिए रहता है— खड्गहस्त
नायक का प्रतिद्वन्द्वी— खलनायक
जहाँ से गंगा नदी का उद्गम होता है— गंगोत्री
शरीर का व्यापार करने वाली स्त्री— गणिका
जो आकाश को छू रहा हो— गगनस्पर्शी
पहले से चली आ रही परम्परा का अनुपालन करने वाला— गतानुगतिक
ग्रहण करने योग्य— ग्राह्य
गीत गाने वाला/वाली— गायक/गायिका
गीत रचने वाला— गीतकार
हर पदार्थ को अपनी ओर आकृष्ट करने वाली शक्ति— गुरुत्वाकर्षण
जो बात गूढ़ (रहस्यपूर्ण) हो— गूढ़ोक्ति
जीवन का द्वितीय आश्रम— गृहस्थाश्रम
गायोँ के खुरोँ से उड़ी धूल— गोधूलि
जब गायेँ जंगल से लौटती हैँ और उनके चलने की धूल आसमान मेँ उड़ती है (दिन और रात्रि के बीच का समय)— गोधूलि बेला
गायोँ के रहने का स्थान— गौशाला
घास खोदकर जीवन–निर्वाह करने वाला— घसियारा
शरीर की हानि करने वाला— घातक
जो घृणा का पात्र हो— घृणित/घृणास्पद
जिसके सिर पर चंद्रकला हो (शिव)— चंद्रचूड़/चंद्रशेखर
वह कृति जिसमेँ गद्य और पद्य दोनोँ होँ— चंपू
चक्र के रूप मेँ घूमती हुई चलने वाली हवा— चक्रवात
ब्याज का वह प्रकार जिसमेँ मूल ब्याज पर भी ब्याज लगता है— चक्रवृद्धि ब्याज
जिसके हाथ मेँ चक्र हो— चक्रपाणि
चार भुजाओँ वाला— चतुर्भुज
कार्य करने की इच्छा— चिक्कीर्षा
लंबे समय तक जीने वाला— चिरंजीवी
जो चिरकाल से चला आया है— चिरंतन
जो बहुत समय तक ठहर सके— चिरस्थायी
चिँता (चिँतन) करने योग्य बात— चिँतनीय/चिँत्य
जिस पर चिह्न लगाया गया हो— चिह्नित
चार पैरोँ वाला— चौपाया/चतुष्पद
जो गुप्त रूप से निवास कर रहा हो— छद्मवासी
दूसरोँ के केवल दोषोँ को खोजने वाला— छिद्रान्वेषी
पत्थर को गढ़ने वाला औजार— छैनी
एक स्थान से दूसरे स्थान पर चलने वाला— जंगम
पेट की अग्नि— जठराग्नि
बारात ठहरने का स्थान— जनवासा
जो जल बरसाता हो— जलद
जो जल से उत्पन्न हो— जलज
वह पहाड़ जिसके मुख से आग निकले— ज्वालामुखी
जल मेँ रहने वाला जीव— जलचर
जनता द्वारा चलाया जाने वाला तंत्र— जनतंत्र
उम्र मेँ बड़ा— ज्येष्ठ
जो चमत्कारी क्रियाओँ का प्रदर्शन करता हो— जादूगर
जिसने आत्मा को जीत लिया हो— जितात्मा
जानने की इच्छा रखने वाला— जिज्ञासु
इन्द्रियोँ को वश मेँ करने वाला— जितेन्द्रिय
किसी के जीवन–भर के कार्योँ का विवरण— जीवन–चरित्र
जो जीतने के योग्य हो— जेय
जेठ (पति का बड़ा भाई) का पुत्र— जेठोत
स्त्रियोँ द्वारा अपनी इज्जत बचाने के लिए किया गया सामूहिक अग्नि-प्रवेश— जौहर
ज्ञान देने वाली— ज्ञानदा
जो ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा रखता हो— ज्ञानपिपासु
बहुत गहरा तथा बहुत बड़ा प्राकृतिक जलाशय— झील
जहाँ सिक्कोँ की ढलाई होती है— टकसाल
बर्तन बनाने वाला— ठठेरा
जनता को सूचना देने हेतु बजाया जाने वाला वाद्य— ढिँढोरा
जो किसी भी गुट मेँ न हो— तटस्थ/निर्गुट
हल्की नीँद— तन्द्रा
जो किसी कार्य या चिन्तन मेँ डूबा हो— तल्लीन
ऋषियोँ के तप करने की भूमि— तपोभूमि
उसी समय का— तत्कालीन
वह राजकीय धन जो किसानोँ की सहायता हेतु दिया जाता है— तक़ाबी
जिसमेँ बाण रखे जाते हैँ— तरकश/तूणीर
जो चोरी–छिपे माल लाता ले जाता हो— तस्कर
किसी को पद छोड़ने के लिए लिखा गया पत्र— त्यागपत्र
तर्क करने वाला व्यक्ति— तार्किक
दैहिक, दैविक और भौतिक सुख— तापत्रय
तैर कर पार जाने की इच्छा— तितीर्षा
ज्ञान मेँ प्रवेश का मार्गदर्शक— तीर्थँकर
वह व्यक्ति जो छुटकारा दिलाता है/रक्षा करता है— त्राता
दुखान्त नाटक— त्रासदी
भूत, वर्तमान और भविष्य को जानने/देखने वाला— त्रिकालज्ञ/त्रिकालदर्शी
गंगा, जमुना और सरस्वती नदी का संगम— त्रिवेणी
जिसके तीन आँखे हैँ— त्रिनेत्र
वह स्थान जो दोनोँ भृकुटिओँ के बीच होता है— त्रिकुटी
तीन महीने मेँ एक बार— त्रैमासिक
जो धरती पर निवास करता हो— थलचर
पति और पत्नी का जोड़ा— दंपती
दस वर्षोँ की समयावधि— दशक
गोद लिया हुआ पुत्र— दत्तक
संकुचित विचार रखने वाला— दक़ियानूस
धन जो विवाह के समय पुत्री के पिता से प्राप्त हो— दहेज
जंगल मेँ फैलने वाली आग— दावानल
दिन भर का कार्यक्रम— दिनचर्या
दिखने मात्र को अच्छा लगने वाल— दिखावटी
जो सपना दिन (दिवा) मेँ देखा जाता है— दिवास्वप्न
दो बार जन्म लेने वाला (ब्राह्मण, पक्षी, दाँत)— द्विज
जिसने दीक्षा ली हो— दीक्षित
अनुचित बात के लिए आग्रह— दुराग्रह
बुरे भाव से की गई संधि— दुरभिसंधि
वह कार्य जिसको करना कठिन हो— दुष्कर
दो विभिन्न भाषाएँ जानने वाले व्यक्तियोँ को एक–दूसरे की बात समझाने वाला— दुभाषिया
जो शीघ्रता से चलता हो— द्रुतगामी
जिसे कठिनाई से जाना जा सके— दुर्ज्ञेय
जिसको पकड़ने मेँ कठिनाई हो— दुरभिग्रह/दुग्राह्य
पति के स्नेह से वंचित स्त्री— दुर्भगा
जिसे कठिनता से साधा/सिद्ध किया जा सके— दुस्साध्य
जो कठिनाई से समझ मेँ आता है— दुर्बोध
वह मार्ग जो चलने मेँ कठिनाई पैदा करता है— दुर्गम
जिसमेँ खराब आदतेँ होँ— दुर्व्यसनी
जिसको मापना कठिन हो— दुष्परिमेय
जिसको जीतना बहुत कठिन हो— दुर्जेय
वह बच्चा जो अभी माँ के दूध पर निर्भर है— दुधमुँहा
बुरे भाग्य वाला— दुर्भाग्यशाली
जिसमेँ दया भावना हो— दयालु
जिसका आचरण बुरा हो— दुराचारी
दूध पर आधारित रहने वाला— दुग्धाहारी
जिसकी प्राप्ति कठिन हो— दुर्लभ
जिसका दमन करना कठिन हो— दुर्दमनीय
आगे की बात सोचने वाला व्यक्ति— दूरदर्शी
देश से द्रोह करने वाला— देशद्रोही
देह से सम्बन्धित— दैहिक
देव के द्वारा किया हुआ— दैविक
प्रतिदिन होने वाला— दैनिक
धन से सम्पन्न— धनी
जो धनुष को धारण करता हो— धनुर्धर
धन की इच्छा रखने वाला— धनेच्छु
गरीबोँ के लिए दान के रूप मेँ दिया जाने वाला अन्न–धन आदि— धर्मादा
यात्रा करनेवाला- यात्री
यशवाला- यशस्वी
युद्ध में स्थिर रहता है- युधिष्ठिर
याचना करनेवाला- याचक
युग का निर्माण करनेवाला- युगनिर्माता
यात्रियों के लिए धर्मार्थ बना हुआ घर- धर्मशाला
यश वाला- यशस्वी
युद्ध का जहाज- युद्धपोत
युद्ध की इच्छा रखने वाला- युयुत्सा
यथार्थ सच
कहनेवाला- यथार्थवादी
लौटकर आया हुआ- प्रत्यागत
लोक का- लौकिक
लेखक द्वारा लिखित अपनी जीवनी- आत्मकथा
लाभ की इच्छा- लिप्सा
लगातार घंटा बजने से होनेवाला शब्द- टनाटन
विधानमंडल द्वारा पारित या स्वीकृत नियम- अधिनियम
वह पत्र, जिसमें किसी को कोई काम करने का अधिकार दिया जाय- अधिपत्र
वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला शुल्क- अधिशुल्क
वह स्त्री जिसका पति दूसरा विवाह कर ले- अध्गूढा
विद्या की देवी- सरस्वती
वर्षा का अभाव- अनावृष्टि
वह पत्र जिसमें किसी को कुछ करने का अधिकार दिया गया हो-अधिपत्र
वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो- आगतपतिक
वह स्त्री जिसका पति आने वाला है- आगमिस्यतपतिका
वह जो अपने आचार से पवित्र है- आचारपूत
जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके- (अगम्य)
वह कवि जो तत्क्षण कविता कर सके- आशुकवि
वह वस्तु जिसका उत्पादन हुआ हो- उत्पाद
वह व्यक्ति जो हाथ उठाए हो- उध्र्वबाहु
वह बात जो जनसाधरण में चलती आ रही है- किंवदन्ती
वह नायिका जो कृष्ण पक्ष में अपने प्रेमी से मिलने जाती हो-कृष्णाभिसारिका
वह नायिका जिसका पति रात को किसी अन्य स्त्री के पास रहकर प्रातः उसके पास आता हो- खंडिता
वह नाटक जिसमें गीत अधिक हों- गीतरूपक
वह कपड़ा जिससे कोई चीज झाड़ी जाय- झाड़न
वात, पित्त व कफ- त्रिदोष
विवाद या गुटबन्दी से अलग रहने वाला- तटस्थ/गुटनिरपेक्ष
विवाह के पश्चात वधू का ससुराल में दूसरी बार आना-द्विरागमन
वह स्त्री जिसके पति ने त्याग (छोड़) दिया हो- परित्यक्ता
वह शासन प्रणाली जिसमें जन साधारण का शासन हो-प्रत्युत्पन्नमति
वह जिससे प्रेम किया जाय- प्रेमपात्र
वह नायिका जिसका पति विदेश जाने को है- प्रवत्स्यपतिका
वह स्त्री जिसका पति प्रोषित (परदेश गया) हो- प्रोषितपतिका
वह पात्र जिसमें शोभा के लिए फूल लगाकर रखे जाते है- फूलदान
वह स्त्री जिसमें पृथ्वी के स्वरूप का वर्णन हो- भूगोल
वें बातें जो पुस्तक के आरंभ में लिखी जाय- भूमिका/प्राक्कथन
वह स्थिति जब मुद्रा का चलन अधिक हो- मुद्रास्फीति
वह पूँजी जो सम्पत्ति आदि के रूप में हो- रिक्थ
वह काव्य जिसका अभिनय किया जाय- रूपक
वह शासन प्रणाली जो जनता द्वारा जनता के हित के लिए हो-लोकतंत्र
वसुदेव के पुत्र- वासुदेव
वाडव (सागर) का अनल (आग)- वाडवानल
विश्व का पर्यटन करनेवाला- विश्वपर्यटक
विधि (कानून) के द्वारा प्राप्त- विधिप्रदत
वेतन पर काम करने वाला- वैतनिक
विष्णु का भक्त या विष्णु संबंधी- वैष्णव
वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते है- श्मशान
वह पुरुष जिसकी पत्नी साथ है- (सपत्नीक)
विष्णु का उपासक या विष्णु से सम्बद्ध- वैष्ण्व
(विदेश में) प्रवास करनेवाला- प्रवासी
वह जिसकी दृष्टि दूर तक जाय- दूरदर्शी
वह जिसकी प्रतिज्ञा दृढ हो- दृढ़प्रतिज्ञ
विधि (कानून ) द्वारा प्रदत्त (प्राप्त)- विधिप्रदत्त
वृष्टि का अभाव-अनावृष्टि
विश्र्वास के योग्य – विश्र्वसनीय
विद्या की चाह रखने वाला- विद्यार्थी
वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते है- श्मशान
(वह पुरुष) जिसकी पति साथ है- सपतीक
(वह स्त्री) जिसे पति छोड़ दे- परित्यक्ता
वह पहाड़ जिससे आग निकलती हो- ज्वालामुखी
विदेश से वस्तुयें मँगाना- आयात
व्याकरण जाननेवाला- वैयाकरण