गणतंत्र दिवस 26 जनवरी

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 🇮🇳

• 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) के स्थान पर भारत का शासन दस्तावेजी रूप में लागू हुआ।
• 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अंगीकार किया गया और 26 जनवरी 1950 को एक लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के साथ लागू हुआ।
26 जनवरी का दिन ही क्यों :
• क्योंकि 26 जनवरी, 1929 में भारतीय स्वतंत्रता की घोषणा (पूर्ण स्वराज) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा ब्रिटिश शासन की प्रस्तावित डोमिनियन स्थिति के विरोध में की गई थी
पृष्ठभूमि : (संविधान बनने की तैयारी)
• आजादी के बाद 9 दिसंबर 1946 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में 207 सदस्यों की मौजूदगी में संविधान सभा की पहली बैठक हुई।
• पहले इन सदस्यों की संख्या जहाँ 389 थी, वही देश के विभाजन के बाद घटकर 299 रह गई।
• 29 अगस्त 1947 – सविंधान सभा ने इसका मसौदा तैयार करने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन किया ।
• 26 नवम्बर, 1949 – भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ। इसी दिन संविधान के 16 अनुच्छेदों को लागू कर इसे अंगीकृत, अधिनियमित व आत्मार्पित किया गया।
• 24 जनवरी, 1950 संविधान सभा की अंतिम बैठक में 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए। इसी दिन संविधान सभा ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में चुना।
• 26 जनवरी 1950 को भारत का अपना व दुनिया का सबसे बड़ा हस्तलिखित संविधान व्यवहारिक तौर पर अस्तित्व में आया
संविधान सभा के प्रमुख सदस्य:
• संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्य सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।
जानने योग्य :
• 1949 – तैयार संविधान में एक प्रस्तावना सहित 395 साम्रग्री (22 भागों में विभाजित) और 8 अनुसूचियां थी।
29 अगस्त, 1947 – संविधान बनाने का कार्य संविधान सभा ने किया जिसमें 8 प्रमुख कमेटियाँ थीं। कमेटी के अध्यक्ष डा० बाबा साहब अंबेडकर थे व संविधान सभा के प्रेसिडेंट डॉ राजेंद्र प्रसाद थे।
• भारतीय संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित थी। दोनों ही भाषाओं में संविधान की मूल प्रति को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने कैलिग्राफी में 6 महीने के वक्त में बिना किसी मेहनताने के लिखा था।

2021 में क्या नया है :
• केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख परेड में शामिल 32 झाकियों में पहली बार भाग ले रहा है। यह ऑप्टिकल, इंफ्रारेड और गामा-रे दूरबीनों के लिए दुनिया के सबसे ऊंचे स्थलों में से एक, ‘लेह’ के पास ‘हैले’ में स्थित भारतीय खगोल वेधशाला को प्रदर्शित कर रहा है।

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