क्या होता है नगरीय ऊष्मा द्वीप ? कारण ,और उपाय (Best 1 )

नगरीय ऊष्मा द्वीप

 नगरीय ऊष्मा द्वीप क्या होता है ? कारण ,और उपाय

नगरीय ऊष्मा द्वीप क्या होता है ?

ऐसा नगर, जिसकी जनसंख्या का घनत्व अधिक हो, और वह अपने आस-पास के ग्रामीण या उपनगरीय क्षेत्रों से अधिक गर्म हो, उसे नगरीय (शहरी) उष्ण द्वीप (Urban Heat Islands- UHI) कहा जाता है।एक शहरी ऊष्मा द्वीप एक ऐसा क्षेत्र होता है जो अपने उपनगरीय और ग्रामीण परिवेश की तुलना में काफी गर्म होता है। साथ ही इन शहरों में दिन के अधिकतम तापमान और रात के अधिकतम तापमान के बीच का अंतर वर्षों से कम होता जा रहा है। दूसरे शब्दों में, गर्म शहर न केवल दिन में गर्म होते हैं, बल्कि इनमें रात के बाद भी गर्मी बरकरार रहती हैं। शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव का मुख्य कारण भूमि की सतहों का संशोधन है।

शहरी उष्ण द्वीप दो प्रकार के होते हैं: सतही और वायुमंडलीय। सतही को भूमि सतह तापमान(Land Surface Temperature (LST)) के आधार पर मापा जाता है, जबकि वायुमंडलीय को हवा के तापमान के आधार पर मापा जाता है।

नगरीय ऊष्मा द्वीप की बात करें तो वह उस क्षेत्र को कहते हैं, जो नगरीय द्वीप व सघन जनसंख्या वाला इलाका है, जिसका तापमान उपनगरीय या ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है।

नगरीय ऊष्मा द्वीप प्रमुख कारण क्या हैं?
  • ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक खुला स्थान, पेड़-पौधे और घास होती है। जहां तक पता होगा कि पेड़-पौधे में वाष्पोत्सर्जन की क्रियाएं होती हैं जबकि नगरों में इन क्रियाओं की कमी रहता है। अत: नगरों का तापमान अधिक हो जाता है।
  • फुटपाथ, सड़क, छत जैसी अवसंरचनाएं कंक्रीट, टार और ईटों जैसी अपारदर्शी सामग्री से निर्मिंत होती हैं जो प्रकाश को संचारित नहीं होने देती है।
  • कृत्रिम निर्माण के साजो-सामान वास्तव में नगरों को और तंग बना रहे हैं। नतीजतन तेजी से हरित क्षेत्र कम होते जा रहे हैं और वातावरण में नमी की कमी होती जा रही है।
  • सामान्य मिट्टी वाली भूमि या कृषि क्षेत्र की तुलना में शहरी क्षेत्र में ऊष्मा का अवशोषण अधिक होता है
  •  जैसे-जैसे शहर बढ़ता है, शहर के मानवजनित स्रोतों से उत्सर्जित ऊष्मा भी बढ़ती है जो इसको आसपास के ग्रामीण या कम विकसित क्षेत्रों की तुलना में गर्म बनाती है।
  • ऊंचाई वाले भवन एवं विभिन्न प्रकार के आवासीय मशीनरी जैसे-AC फ्रीजर जेनरेटर आदि जो इन्हें ऊष्मा उत्पादक स्तंभ के रूप में निर्मित कर देते हैं।
  • वाहन एवं उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले जीवाश्मी ईंधन के दहन से निकलने वाले पार्टिकुलेट मैटर और गैसों के कारण इन केन्द्रों के ऊपर एक चादर उपस्थित हो जाती है, जो सूर्यताप को अवशोषित कर ऊष्मा द्वीप की परिघटना उत्पन्न करता है।
  • आवासीय व अन्य आवश्यकताओं के कारण नगरीय वन क्षेत्र को अन्य उपयोग हेतु उपयोग करने की वृद्धि देखी गई है।
  • माँग बढ़ने की दशा में कृषियुक्त भूमि एवं वन भूमि का भी आवासीय व औद्योगिक उपयोग के लिए प्रयोग किया जाना ऊष्मा द्वीप प्रभाव को प्रेरित करती है।
  • विभिन्न जल इकाईयों जैसे-वेटलैन्ड, झील छोटे तालाब आदि को नगरीकरण की प्रक्रिया के दौरान नष्ट करना धरातलीय स्वरूप में परिवर्तन लाता है।

नगरीय ऊष्मा द्वीप को रोकने के लिए क्या क्या उपाय किए जा सकते है 

  • हल्के रंग के कंक्रीट ( डामर के साथ चूना पत्थर) का उपयोग करना |
  • हरित छतों का उपयोग करना
  • सड़क की सतह धूसर या गुलाबी रंग करना, ये काले रंग की अपेक्षा 50% बेहतर होते हैं क्योंकि ये कम ऊष्मा को अवशोषित करते हैं और अधिक सूर्यताप को परावर्तित करते हैं।
  • इसी तरह हमें छतों को हरे रंग में रंगना चाहिये और हरे रंग की पृष्ठभूमि वाले सौर पैनल स्थापित करने चाहिये।
  • अधिक-से-अधिक पेड़ और पौधे लगाने चाहिये।

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