वाक्य रचना की परिभाषा और प्रकार

वाक्य रचना की परिभाषा

 शब्दो का ऐसा सार्थक एव क्रमबद्ध समूह जिसके द्वारा बोलने वाले और लिखने वाले दोनों का मन्तव्य प्रकट हो जाये उसे वाक्य कहते है।

रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते है

1 सरल व साधारण वाक्य
2 संयुक्त वाक्य
3 मिश्रित वाक्य

1 सरल व साधारण वाक्य 

जिस वाक्य में एक क्रिया होती है, उसे सरल वाक्य कहते हैं। सरल वाक्य में एक क्रिया का होना आवश्यक है।

जिन वाक्यों में एक या एक से अधिक उदेष्य होते है लेकिन विधेय एक होता है
जैसे की –
बच्चे खेल रहे है।
राम और सीता वन को गए।

मोहन हंसता है ।
राजेश बीमार है।
माताजी ने शीला को एक साड़ी दी ।

2 संयुक्त वाक्य 

जिस वाक्य में दो या अधिक मुख्य तथा स्वतंत्र उपवाक्य होती हैं, वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं। ये दोनों पूर्ण अर्थ देने में सक्षम होते हैं

जिन वाक्यों में अधिक सरल वाक्य हो ये वाक्य किन्तु,परन्तु,लेकिन,अथवा,एवंम, और, तथा इत्यादि योजक शब्दों से जुड़े रहते है संयुक्त वाक्य कहलाते है इन संयुक्त वाक्यों को अलग – अलग करने पर वे अपना – अपना स्वतंत्र रूप धारण कर लेते है तथा अपने आम में एक पूर्ण अर्थ देते है
जैसे की –राम पढ़ रहा है तथा श्याम सो रहा है

राम बाजार गया और संतरे लाया।
 सच बोलो परंतु कटु सत्य न बोलो।
हम सब दिल्ली घूमने गए और वहां चार दिन रहे।

मोनिका खाना बना रही है तथा महिमा खा रही है।

3 मिश्रित वाक्य

जिन वाक्यों में एक प्रधान उपवाक्य होता है तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य होता है ये वाक्य यदि,तो,जो,सो,जिसने,जिसको,जिन्हाने,जब,तब,जैसा,वैसा,वे कि,इसलिए इत्यादि योजक शब्दों से जुड़े हो वे मिश्रित वाक्य कहलाते है।
जैसे की –
जो करेगा सो भरेगा।

जिसकी लाठी उसकी भैस।

यदि वह समय पर स्टेषन पहुंचता तो अवष्य ट्रेन मिल जाती

 शिक्षक ने बताया कि कल स्कूल में छुट्टी होगी।

जो व्यक्ति कमरे में बैठा है वह मेरा भाई है।

 जब तू छोटा था तब साइकिल खूब चलाता था।

यदि इस बार वर्षा न हुई तो सारी फसल नष्ट हो जाएगी।

नोट – दिए गये वाक्य का प्रषन बनाने पर जो प्रषन का उत्तर निकलता है तो वह प्रधान उपवाक्य होता है तथा जो प्रषन बनाया जाता है या किया जाता है वह आश्रित उपवाक्य होता है।
जैसे की –

1.जब मैं बहुत छोटा था तब ननिहाल जाया करता था

2.वह मेरा मित्र है जो भाषण दे रहा है

जब मैं बहुत छोटा था प्रधान वाक्य  तब ननिहाल जाया करता था आश्रित वाक्य
वह मेरा मित्र है प्रधान वाक्य   जो भाषण दे रहा है आश्रित वाक्य

1.सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य 
1 – सरल वाक्य = उसने घर आकर भोजन किया।
  संयुक्त वाक्य = वह घर आया और उसने भोजन किया।
2 – सरल वाक्य = वह फल खरीदने के लिए बाजार गया।
  संयुक्त वाक्य = उसे फल खरीदने थे इसलिए वह बाजार गया।
3 -सरल वाक्य = मोहन हिंदी पढ़ने के लिए शास्त्री जी के यहां गया है।
  संयुक्त वाक्य =  मोहन को हिंदी पढ़नी है इसीलिए शास्त्री जी केे यहां गया है
4 -सरल वाक्य = रात को आकाश में तारों का मेला लग गया।
  संयुक्त वाक्य = रात आई और आकाश में तारों का मेला लग गया।
5 -सरल वाक्य = मजदूर को अपनी मेहनत का लाभ नहीं मिलता।
  संयुक्त वाक्य = मजदूर मेहनत करता है लेकिन उसका लाभ उसे नहीं मिलता।
सरल वाक्य से मिश्र वाक्य 
1 -सरल वाक्य = देश के लिए मर मिटने वाला सच्चा देशभक्त होता है।
   मिश्र   वाक्य = जो देश के लिए मर मिटता है वही सच्चा देशभक्त होता है।
2 -सरल वाक्य =  शिक्षक के सामने छात्र शांत रहते हैं।
    मिश्र  वाक्य = जब तक शिक्षक रहता है, छात्र शांत रहते हैं।
3 -सरल वाक्य =  मोहन ने मुझे जल्दी भोजन करने के लिए कहा।
    मिश्र  वाक्य =  मोहन ने कहा कि मुझे जल्दी भोजन करना है।
4 -सरल वाक्य =  मोहन के घर पहुंचने से पूर्व उसके पिता चल चुके थे।
    मिश्र  वाक्य = जब तक मोहन घर पहुंचा तब तक उसके पिता चल चुके थे।
5 -सरल वाक्य = मैंने एक बहुत बीमार आदमी दिखा।
    मिश्र  वाक्य = मैंने एक आदमी देखा जो बहुत बीमार था।
2.संयुक्त वाक्य से सरल वाक्य 

 

1 – संयुक्त =  शीलाा ने एक पुस्तक मांगी और वह उसे मिल गई।

सरल = शीला के पुस्तक मांगने पर उसे मिल गई।

2 – संयुक्त = वह  नहीं आया क्योंकि बीमार है।

सरल  = वह  बीमारी के कारण नहीं  आया।

3 – संयुक्त = मुझे उसने देखा और वह खिसक गया।

सरल  =  मुझेेे देखकर वह खिसक गया ।

4 – संयुक्त = रात के 12:00 बजे थे और मैंने पढ़ना बंद कर दिया।

सरल  = रात के 12:00 बजे मैंने पढ़ना बंद कर दिया।

5 – संयुक्त = मुझे वहां जाना था इसलिए सवेरेे उठना पड़ा

सरल  = मुझे वहाँ जाने के लिए सवेरे उठना पड़ा

संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य 
1- संयुक्त वाक्य =  वह तेज दौड़ता तो गाड़ी मिल जाती।
  मिश्र   वाक्य = यदि वह तेज दौड़ता तो गाड़ी मिल जाती।
2-संयुक्त वाक्य = मेरी गाय काली है और खेत में चल रही है।
   मिश्र वाक्य = मेरी जो गाय काली है वह खेत में चर रही है।
3- संयुक्त वाक्य =  सभा समाप्त हुई और सब लोग चले गए।
   मिश्र   वाक्य = जब सभा समाप्त हुई तो सब लोग चले गए।
4- संयुक्त वाक्य = तोता पिंजरे में है और दाल खा रहा है।
    मिश्र   वाक्य = जो तोता पिंजरे में है वह दाल खा रहा है।
5- संयुक्त वाक्य =   मोहन ने हरी मिर्च खा ली और हिचकियां आने लगी।
    मिश्र   वाक्य =  जब मोहन ने हरी मिर्च खा ली तब उसे हिचकियां आने लगी।
3.मिश्र वाक्य से सरल वाक्य ==> 
1-मिश्र वाक्य ==> यद्यपि वह मंत्री बन गया है फिर भी उसका व्यवहार पूर्ववत है।
सरल वाक्य ==> मंत्री बनने पर भी उसका व्यवहार पूर्ववत है।
2-मिश्र वाक्य ==>  चूँकि सुषमा बीमार है इसीलिए वह स्कूल नहीं आई।
सरल वाक्य ==> सुषमा बीमार होने के कारण स्कूल नहीं आई।
3-मिश्र वाक्य ==> जो व्यक्ति परिश्रमी होते हैं वे अच्छे लगते हैं।
सरल वाक्य ==> परिश्रमी व्यक्ति अच्छे लगते हैं।
4-मिश्र वाक्य ==>  जो व्यक्ति सच बोलता है उसे कोई नहीं डरा सकता।
सरल वाक्य ==>   सच बोलने वाले व्यक्ति को कोई नहीं डरा सकता।
मिश्र वाक्य से संयुक्त वाक्य ==>  
1-मिश्र वाक्य ==> जब भी मैं वहां गया, उसने मेरा सत्कार किया।
संयुक्त वाक्य ==> मैं वहां गया और उसने मेरा सत्कार किया।
2-मिश्र वाक्य ==> जब वह घर आया तब उसने भोजन किया।
संयुक्त वाक्य ==> वह घर आया और उसने भोजन किया।
3-मिश्र वाक्य ==> वह इसीलिए बाजार गया क्योंकि उसे फल खरीदने थे।
संयुक्त वाक्य==> उसे फल खरीदने थे इसलिए वह बाजार गया।
4-मिश्र वाक्य ==> जैसे ही रात हुई, आकाश में तारों का मेला लग गया।
संयुक्त वाक्य ==> रात हुई और आकाश में तारों का मेला लग गया।

अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते है।

  1. विधान वाचक वाक्य
  2. निषेधवाचक वाक्य
  3. प्रश्नवाचक वाक्य
  4. विस्म्यादिवाचक वाक्य
  5. आज्ञावाचक वाक्य
  6. इच्छावाचक वाक्य
  7. संकेतवाचक वाक्य
  8. संदेहवाचक वाक्य

1 रीतिवाचक वाक्य या विधिवाचक वाक्य 

वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह वि‌‌धानवाचक वाक्य कहलाता है।

तथा

जिन वाक्यों किसी कार्य का होना पाया जाए उसे विधिवाचक या रीतिवाचक वाक्य कहते है।

जैसे की –
मेहन पुस्तक पढ़ रहा है।

रानी खाना बना रही है।

भारत एक देश है।

राम के पिता का नाम दशरथ है।

दशरथ अयोध्या के राजा हैं।

2 निषेधवाचक वाक्य 

जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।

तथा

जिन वाक्यों मे किसी कार्य का निषेध किया गया हो वहां निषेध वाचक वाक्य होता है निषेधवाचक वाक्य में नहीं शब्द आता है।

जैसे की –
वह तो स्वयं सोता है और ही मुझे सोने देता  है

दादाजी स्वस्थ नहीं है।

शिक्षक महोदय घर पर नही मिलेगें।

मैंने दूध नहीं पिया।

मैंने खाना नहीं खाया।

3 प्रषनवाचक वाक्य

वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार प्रश्न किया जाता है, वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है।

तथा

जिन वाक्यों मे वक्ता द्वारा प्रषन का बोध हो उसे प्रषनवाचक वाक्य कहते है इस तरह के वाक्यों में क्या,कौन,कहां, कैसे, क्यों,कब, किसलिए इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता है तथा वाक्य के अन्त में प्रषन वाचक चिन्ह आता है।

जैसे की –
मुझसे क्या काम है ?

अतिथि तुम कब जाओगें ?

वे क्यों चिल्ला रहे है ?

आप कैसे है ?

भारत क्या है?

राम के पिता कौन है?

दशरथ कहाँ के राजा है?

4 विस्मयादी बोधक वाक्य 

वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाता है, वह विस्मयादिवाचक वाक्य कहलाता हैं।

तथा

जिस वाक्य में खुषी,हर्ष,षोक,घृणा,आष्चर्य इत्यादि भावों का बोध हो उन्हे विस्मयादी बोधक वाक्य कहते है।

जैसे की –

अहा! कितना सुन्दर उपवन है।

ओह! कितनी ठंडी रात है।

बल्ले! हम जीत गये।

अरे ! तुमने क्या कर दिया।

वाह ! क्या बात है।

आह ! कितना सुन्दर बच्चा है।

अरे ! तुमने तो कमाल कर दिया।

छिः ! तुम कितने गन्दे हो।

काष ! मुझे वह याद करता तो जिन्दगी सुधर जाती

5 आज्ञावाचक वाक्य 

वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना किया जाता है, वह विधिसूचक वाक्य कहलाता हैं।

तथा

जिन वाक्यों से आदेष अनुमति या प्रार्थना का भाव पाया जाए उन्हें आज्ञा वाचक वाक्य कहते है।
जैसे की –

बैठो।

बैठिये।

कृपया बैठ जाइये।

शांत रहो।

कृपया शांति बनाये रखें।

चाय वाले से कहो कि वह चार पाँच कप चाय भेज दे।

तुम सब खड़े हो जाओ।

आप अपनी बात कह सकते है।

एक गिलास पानी लाओ।

6 इच्छावाचक वाक्य

जिन वाक्य‌ों में किसी इच्छा, आकांक्षा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।

तथा

जिन वाक्यों मे शुभ कामना,आज्ञा,षाप आदि भाव प्रकट होते है। वहा इच्छा वाचक वाक्य होता है।
जैसे की –

भगवान तुम्हेँ दीर्घायु करे।

नववर्ष मंगलमय हो।

तुम सभी सफल हो जाओ।

आपकी यात्रा मंगलमय हो।

जा तुझे नरक में भी जगह ना मिले ।

आइए एक एक कप काॅफी हो जाए।

पिताजी आ जाए तो अच्छा है।

7 सन्देहवाचक वाक्य 

जिन वाक्य‌ों में संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।

तथा

जिन वाक्यों में कार्य के प्रति सन्देह हो या सम्भावना हो । वहां सन्देह वाचक वाक्य होता है।
जैसे की –

क्या वह यहाँ आ गया ?

क्या उसने काम कर लिया ?

लगता है मैने इस आदमी को कही देखा है।

अब तक वह सो गया होगा ।

नौकरी नही मिली तो उसका विवाह नहीं होगा।

सम्भव है कल पठन-पाठन का कार्य होगा।

8 संकेतवाचक वाक्य

जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।

तथा

जिन वाक्यों में एक क्रिया का दूसरी क्रिया पर निर्भर होना पाया जाए उसे संकेतवाचक वाक्य कहते है।
जैसे की-
यदि वह समय पर पहुंचता तो ट्रेन मिल जाती
यदि वह समय पर दवा लेता तो स्वस्थ हो जाता।
यदि वह ओटो पर नही चढ़ता तो नहीं मरता।
यदि चुनाव निष्पक्ष हुए तो मोदी ही जितेगें।

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