NCRT कक्षा 4 के प्रश्न और उत्तर अध्याय 1 मन के भोले-भाले बादल

अध्याय 1 मन के भोले-भाले बादल

अध्याय 1 मन के भोले-भाले बादल

कविता का भावार्थ

कविता में बादलों के कई तरह के आकार प्रकार और उनके गुण धर्म का वर्णन किया गया है। आसमान में दौड़ते हुए काले बादल ऐसे दिखते हैं जैसे किसी के झबरीले बाल या गुबारे जैसे फूले हुए गाल हों। कवि उनकी वनावट की तुलना अलग-अलग जानवरों से करता है जैसे: फूली हुई जोकर की तोंद, उठी हुई हाथी की सूड और कुछ कूबड़ वाले ऊंटों की तरह दिख रहे हैं। कुछ परियों के सामान पंख फैलाकर उड़ रहे हैं। कुछ मतवाले शेरों की तरह आपस में टकराते हैं। उनके हाव-भाव भी अलग तरह के हैं, कुछ को देख के लगता है कि वो शैतान और कुछ तूफ़ान लाने वाले लगते हैं। कुछ अपने थैलों से पानी बरसा देते हैं। ये कभी छत पर आ जाते हैं और कभी उड़ जाते हैं। कभी जिद्दी बनकर नदी और नालों में बाढ़ ला देते हैं। इन सबके बावजूद ये भोले-भाले बादल मन को बहुत अच्छे लगते हैं।

 

प्रश्न 1 बादल नदी-नालों में बाढ़ कैसे लाते होंगे?

उत्तर: बादल जब अत्यधिक वर्षा करते हैं तो नदी और नालों में बाढ़ आ जाती है।

प्रश्न २  बादल ढोल कैसे बजाते होंगे?

उत्तर: बादल जब आपस में टकराते हैं तो ऐसा लगता है कि जोर से ढोल बजा रहे हों।

प्रश्न ३  बादल कैसी शैतानियाँ करते होंगे?

उत्तर: बादल जब तूफानी रूप धारण करते हैं तो वे किसी शैतान से कम नहीं लगते।

प्रश्न ४  साल के किन-किन महीनों में ज़्यादा बादल छाते हैं?

उत्तर: साल के बरसात वाले महीनों में बादल अधिक छाये रहते हैं।

प्रश्न ५  कविता में ‘काले’ बादलों की बात की गई है। क्या बादल सचमुच काले होते हैं?

उत्तर: कई बार बादल इतने ज्यादा घने होते हैं कि उनका रंग काला नजर आता है।

प्रश्न ६  कविता में बादलों को ‘भोला’ कहा गया है। इसके अलावा बादलों के लिए और कौन-कौन से शब्दों का इस्तेमाल किया गया है? नीचे लिखे अधूरे शब्दों को पूरा करो। म ……………… ज़ि ……………… शै ……………… तू ……………..

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *